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बंदरू और गोलू: सच्ची दोस्ती की कहानी

Posted on September 11, 2025 by My Hindi Stories

Heroes of the Jungle

एक बार की बात है…

एक घने और हरे-भरे जंगल में बंदरू नाम का एक चंचल और नटखट बंदर और गोलू नाम का एक शांत, दयालु और मजबूत हाथी रहते थे। झोलू बहुत शरारती था—पेड़ों से झूलता, फलों की चोरी करता, और दिन भर उधम मचाता रहता था। वहीं गोलू बहुत ही सीधा-सादा था—बड़ा, शक्तिशाली, लेकिन दिल का बहुत नरम और भला था।

हालाँकि वे दोनों स्वभाव में बिलकुल अलग थे, लेकिन उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि जंगल के सभी जानवर उन्हें देखकर यही कहते रहते थे,
“वाह! दोस्ती हो तो बंदरू और गोलू जैसी।”

एक दिन आई बड़ी मुसीबत… 

गर्मी की दोपहर थी। सूरज अपनी पूरी ताकत से चमक रहा था और सारे जानवर पेड़ों की छाँव में आराम कर रहे थे। तभी जंगल में एक डरावनी खबर फैल गई—गाँव से शिकारी जंगल में घुस आए हैं!

उनके पास जाल और रस्सियाँ थीं, और उनकी नज़र जंगल के बड़े जानवरों पर थी, खासकर हाथियों पर।

बंदरू घबरा गया। उसके मन में सिर्फ एक ही डर था—कि शिकारी सबसे पहले उसके प्यारे दोस्त गोलू को ही पकड़ लेंगे।

सच्चा दोस्त कौन?

बंदरू जल्दी-जल्दी पेड़ों से छलांग लगाते हुए गोलू के पास पहुँचा।
“गोलू! जल्दी भागो! शिकारी आ गए हैं!” वह चिल्लाया।

गोलू ने शांत और दृढ़ आवाज़ में कहा,
“मैं भाग नहीं सकता, बंदरू। मैं इतना बड़ा हूँ कि न तो पेड़ों पर चढ़ सकता हूँ, न ही जंगल से आसानी से भाग सकता हूँ। लेकिन मैं डर नहीं रहा। तुम क्या सोचते हो, हम कुछ कर सकते हैं?”

बंदरू की आँखें आंसुओं से भर आईं। उसने कहा,
“मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ूँगा! हमें कोई रास्ता निकालना होगा। हम साथ हैं, इसलिए डरने की कोई ज़रूरत नहीं।”

बुद्धिमानी से मिली जीत

बंदरू को एक शानदार योजना सूझी। वह तेजी से जंगल के सभी बंदरों के पास गया और बोला,
“अगर हम सब मिलकर काम करें, तो गोलू को बचा सकते हैं! हमें एकजुट होना होगा। जंगल हमारा है और हम इसे सुरक्षित रख सकते हैं।”

सब बंदर तैयार हो गए। उन्होंने झाड़ियों में काँटे बिछाए, रस्सियाँ उलझा दीं, और पेड़ों पर चढ़कर शिकारी पर नजर रखने लगे।

जैसे ही शिकारी जंगल में घुसे, बंदरों ने पेड़ों से सूखी डालियाँ गिराईं, केले फेंके और जोर-जोर से शोर मचाया। शिकारी घबरा गए! उनके पैर काँटों में फंस गए, रस्सियाँ उलझ गईं और जाल भी बेकार हो गए।

थोड़ी ही देर में शिकारी हार मानकर जंगल से भाग गए और गोलू बच गया!

दिल से दोस्ती का तोहफ़ा

शाम को जब सब शांत हो गया, गोलू ने प्यार से बंदरू की ओर देखा। उसकी बड़ी-बड़ी आँखों में सिर्फ शुक्रिया और सच्ची दोस्ती की झलक थी।
“तू जानता है, बंदरू,” उसने कहा, “तू छोटा जरूर है, लेकिन तेरा दिल बहुत बड़ा है। तूने साबित कर दिया कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुश्किल समय में भी साथ खड़ा रहे।”

बंदरू मुस्कुराया और बोला,
“सच्चा दोस्त वही होता है जो सिर्फ खुशियों में नहीं, बल्कि मुश्किलों में भी तुम्हारे साथ खड़ा रहे।”

गोलू ने अपनी लंबी सूंड से बंदरू को उठाया और पेड़ की सबसे ऊँची डाली तक पहुँचा दिया, जहाँ सबसे मीठे और रसीले आम लटक रहे थे। दोनों ने साथ बैठकर आम खाए, खूब हँसे, और जंगल में अपनी दोस्ती का जश्न मनाया।

सीख/Moral 

यह सच्ची दोस्ती की कहानी हमें बताती है कि—
सच्चा दोस्त वही होता है जो सिर्फ खुशियों में नहीं, मुश्किलों में भी आपके साथ खड़ा रहे।
छोटा हो या बड़ा, अगर दिल साफ़ हो और दोस्ती सच्ची—तो हर मुसीबत आसान हो जाती है।

अब ज़रा सोचो:
क्या तुम भी अपने दोस्तों के लिए ऐसे ही खड़े रह सकते हो?
क्या तुम्हारे पास भी ऐसा कोई दोस्त है जो हर हाल में तुम्हारा साथ देगा?
नीचे comment (कमेंट) में ज़रूर बताना!

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