Folktales, Moral Stories, Motivational Stories

जो होता है, अच्छे के लिए होता है – Whatever happens, happens for the good

Posted on October 28, 2025 by My Hindi Stories

बहुत समय पहले की बात है।
एक सुंदर, समृद्ध और शांत राज्य था। उस  राज्य का राजा बहादुर था — तलवारबाजी में निपुण, और स्वभाव से थोड़ा अभिमानी।

एक दिन की बात है — सुबह का समय था, सूरज की सुनहरी किरणें महल के आँगन में चमक रही थीं। राजा अपनी चमचमाती तलवार से अभ्यास कर रहे थे। तलवार इतनी तेज़ थी कि उसकी चमक आँखों को चुभ रही थी।
अचानक, एक पल की चूक हुई — तलवार फिसली, और राजा की उंगली में गहरा कट लग गया। खून की एक लाल लकीर उनके हाथ पर दौड़ गई।

राजा ने दर्द से दाँत भींच लिए। तभी पास खड़ा उनका बुद्धिमान मंत्री आगे आया और बोला —
महाराज, चिंता मत कीजिए… जो होता है, अच्छे के लिए होता है।

राजा का चेहरा तमतमा उठा।
“क्या कहा तुमने? मेरी उंगली कट गई, और तुम्हें इसमें भलाई दिख रही है?”
उनकी आवाज़ इतनी भारी थी कि आँगन का सन्नाटा टूट गया।

गुस्से में राजा ने आदेश दे दिया —
“इसे कारागृह में डाल दो! कल इसे फाँसी पर चढ़ा दिया जाए!”

मंत्री कुछ क्षण चुप रहा। फिर शांत स्वर में बोला —
“महाराज, मैंने आपके साथ वर्षों तक निष्ठा से सेवा की है। एक अंतिम निवेदन है — कृपया मुझे केवल दस दिन का समय दे दीजिए। उसके बाद जो दंड देना हो, दे दीजिए।”

राजा ने हाथ झटकते हुए कहा, “ठीक है, पर दस दिन बाद तुम्हें बचा न पाएगा कोई।”

अगले ही दिन, राजा अपने सैनिकों के साथ जंगल में शिकार पर निकल पड़ा।
घना जंगल था — ऊँचे पेड़, हवा में मिट्टी की गंध, और दूर से आती जंगली जानवरों की आवाज़ें।

कहीं न कहीं भीतर का क्रोध अभी भी उबल रहा था।
वो सोच रहा था — “कैसा मूर्ख मंत्री था मेरा… क्या सच में हर बुरा काम अच्छे के लिए होता है?”

इसी सोच में वह आगे बढ़ता चला गया और धीरे-धीरे अपने दल से बिछड़ गया।

काफ़ी देर भटकने के बाद वह एक खुली जगह पहुँचा, जहाँ कुछ अजीब से लोग नाच-गान कर रहे थे।
वो थे वनवासी — जंगल के लोग।
जैसे ही उन्होंने राजा को देखा, शोर मच गया। “देवी की बली के लिए मनुष्य मिल गया!”

राजा कुछ समझ पाता, इससे पहले ही उन्होंने उसे बाँध लिया। चारों ओर मशालें जल उठीं, ढोल बजने लगे, और देवी की मूर्ति के सामने बलि की तैयारी होने लगी।

राजा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा।
“तो क्या यही अंत है मेरा?”

तभी, जब बलिदान का समय आया, एक बुजुर्ग पुजारी की नजर राजा के हाथ पर पड़ी।
वो चिल्लाया, “रुको! इसे नहीं चढ़ाया जा सकता! इसकी उंगली खंडित है। देवी को अधूरा बलिदान स्वीकार नहीं!”

सन्नाटा छा गया।
फिर आदेश हुआ — “इसे छोड़ दो!”राजा अविश्वास में था — वह मरण से लौट आया था।
धीरे-धीरे वह जंगल से बाहर निकला, अपने घोड़े तक पहुँचा, और थका हुआ, धूल से लथपथ अपने महल लौट आया।

सबसे पहले उसने कारागृह का रुख किया।
जैसे ही उसने मंत्री को देखा, उसकी आँखों में शर्म और कृतज्ञता दोनों थीं।

मंत्री, तुम सही थे,” राजा बोला। “अगर मेरी उंगली नहीं कटी होती, तो आज मैं जीवित नहीं होता। सच में… जो होता है, अच्छे के लिए होता है।”

मंत्री मुस्कुराया।
राजा ने फिर पूछा, “लेकिन बताओ — मेरे कटने से तो मेरा भला हुआ, पर तुम्हें तो मैंने कैद में डाल दिया था। तुम्हारे साथ इसमें क्या अच्छा हुआ?”

मंत्री ने शांत भाव से उत्तर दिया —
“महाराज, मैं तो हर बार आपके साथ शिकार पर जाता हूँ। अगर उस दिन मैं भी साथ होता, तो आपकी जगह मेरी बली चढ़ जाती… क्योंकि मेरी उंगली तो खंडित नहीं थी। इसलिए, मेरे साथ भी जो हुआ, अच्छे के लिए हुआ।”

राजा की आँखें नम हो गईं। उसने आगे बढ़कर मंत्री को गले लगा लिया।
“तुम्हारा अपराध केवल इतना था कि तुमने सच्चाई कह दी,” उसने धीमे से कहा।उस दिन से राजा ने न केवल अपने मंत्री को मुक्त किया, बल्कि उसे पहले से भी अधिक सम्मान दिया।
और उसने सीखा — हर घटना, चाहे कितनी भी बुरी लगे, अपने भीतर कोई न कोई अच्छाई छिपाए होती है।

सीख/Moral of the Story

जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी-कभी हम सोचते हैं कि भाग्य हमारे साथ अन्याय कर रहा है — पर समय बीतने के बाद पता चलता है, वही घटना हमारे लिए वरदान थी।

इसलिए, जब जीवन आपकी उंगली “काटे”, तो घबराइए मत।
शायद वह आपको किसी बड़ी “बली” से बचा रहा हो।

जो होता है, अच्छे के लिए होता है।

क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि उस वक्त कुछ बुरा लगा, लेकिन बाद में समझ आया कि वो आपके लिए अच्छा था? अपनी कहानी कमेंट में ज़रूर बताइए। 👇 और अगर आपको ये कहानी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उनके दिल में भी ये उम्मीद की लौ जल सके।

Leave a Comment