Love Stories, Story

फेसबुक वाला इश्क़

Posted on November 13, 2025 by My Hindi Stories

एक कहानी जो स्क्रीन से शुरू हुई… और ज़िंदगी बन गई।

जब एक Friend Request ने सब बदल दिया

कभी-कभी ज़िंदगी हमें वहाँ ले जाती है जहाँ जाने का हमने कभी सोचा भी नहीं होता। और फिर, अचानक, कोई ऐसा मिल जाता है जो जैसे किस्मत में लिखा हो।

रितिका की ज़िंदगी बहुत सादा थी — दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर, छोटा-सा परिवार, और रोज़ की वही दिनचर्या। सोशल मीडिया पर ज़्यादा एक्टिव नहीं थी, लेकिन दिल के किसी कोने में ये ख्वाहिश ज़रूर थी कि कोई हो जो उसे समझे, सच में चाहे।

एक शाम स्कूल से लौटकर उसने जैसे ही फोन उठाया, नोटिफिकेशन चमका —
“Friend Request from Aarav Malhotra.”

डीपी में मुस्कुराता चेहरा, किताबों के बीच ली गई तस्वीरें, और प्रोफ़ाइल में कुछ सच्चे, सादे शब्द।
पता नहीं क्यों, रितिका ने बिना ज़्यादा सोचे Accept पर क्लिक कर दिया।

बातों की शुरुआत

“हाय, आपने Friend Request एक्सेप्ट की, शुक्रिया!” — आरव का पहला मैसेज था।
सादा, लेकिन सच्चा।

रितिका मुस्कराई और जवाब दिया, “हेलो 😊”
बस, वहीं से शुरुआत हुई।

पहले बातें किताबों की हुईं, फिर फिल्मों की, और धीरे-धीरे ज़िंदगी की।
दोनों को शायरी पसंद थी, खासकर गुलज़ार की।
रात के सन्नाटे में जब दुनिया सो जाती, तो उनके चैट्स चलते रहते —
एक शेर वो कहते, दूसरी लाइन वो पूरी करती।

रितिका को महसूस होने लगा कि आरव अलग है। उसकी बातों में गहराई थी, आवाज़ में सुकून था।
अब वो हर दिन आरव के मैसेज का इंतज़ार करने लगी थी।

जब ऑनलाइन बातें दिल तक पहुँच गईं

कुछ महीनों में ही दोनों एक-दूसरे की आदत बन गए।
सुबह की “Good Morning” से लेकर रात की “Good Night” तक — सब कुछ एक-दूसरे के साथ शेयर होता था।

आरव मुंबई में डिजिटल मार्केटिंग कंपनी में काम करता था।
दिन कितना भी व्यस्त क्यों न हो, वो रितिका के लिए वक्त निकाल लेता।

एक दिन उसने लिखा —
“कभी-कभी सोचता हूँ, तुमसे पहले क्यों नहीं मिला… तुम्हारे बिना अब कुछ अधूरा-सा लगता है।”

वो लाइन रितिका के दिल में उतर गई।
कुछ कहा नहीं गया था, पर दोनों समझ गए — ये अब दोस्ती से ज़्यादा है।

डर और दूरी

लेकिन हर प्यार की कहानी में कुछ डर तो होते ही हैं।
दिल्ली और मुंबई की दूरी, परिवार की सोच, और फिर उम्र का फ़र्क — आरव दो साल छोटा था।

रितिका को डर था, क्या ये रिश्ता असल ज़िंदगी में भी टिक पाएगा?
आख़िरकार उसने एक दिन सब कुछ साफ़-साफ़ आरव से कह दिया।

आरव मुस्कराया और बोला —
“अगर मोहब्बत सच्ची है, तो रास्ते खुद बनते हैं। मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ, किसी और से नहीं।”

उसने अपने परिवार से बात की।
पहले थोड़ी ना-नुकुर हुई, पर धीरे-धीरे सब मान गए।

पहली मुलाक़ात

पूरा एक साल बातें करते हुए निकल गया।
फिर एक दिन उन्होंने मिलने का फैसला किया।

दिल्ली की ठंडी सुबह थी।
रितिका ने हल्का गुलाबी सूट पहना, बाल खुले छोड़े, और दिल की धड़कनों को सँभालते हुए कैफे पहुँची।

आरव पहले से वहाँ था — वही मुस्कुराहट, वही आँखों की चमक।
दोनों कुछ पल चुप रहे, बस आँखों ने सारी बातें कह दीं।
उस पल में उन्हें यकीन हो गया — ये रिश्ता अब सिर्फ़ स्क्रीन वाला नहीं रहा, ये असली है।

फेसबुक से फेरे तक

एक साल बाद उन्होंने सादगी से शादी कर ली —
ना कोई दिखावा, ना शोर। बस सच्चाई, और एक-दूसरे के लिए प्यार।

आज रितिका और आरव एक छोटे-से शहर में रहते हैं।
कभी चाय बनाते हुए, कभी शाम की सैर पर — उन्हें आज भी वो पहली मुलाक़ात याद आ जाती है।
हर दिन, वही पुराना इश्क़ फिर से नया महसूस होता है।

सीख/Moral

“फेसबुक वाला इश्क़” बस एक कहानी नहीं है — ये यकीन है कि सच्चे रिश्ते कहीं भी शुरू हो सकते हैं।
ज़रूरी ये नहीं कि मुलाक़ात कब हुई, बल्कि ये है कि दिलों का जुड़ाव कितना सच्चा था।
कभी-कभी, एक Friend Request ज़िंदगी बदल देती है।

कौन जाने — अगली कहानी, आपकी हो। ❤️

अगर ये कहानी आपके दिल को छू गई हो, तो इसे शेयर करें। और बताइए — क्या कभी आपकी कहानी भी ऑनलाइन शुरू हुई थी?

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