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लव मैरिज vs अरेंज मैरिज: एक दिल छू लेने वाली कहानी

Posted on October 9, 2025 by My Hindi Stories

Young Indian couple sharing an umbrella in the rain on college campus, symbolizing the beginning of their love story.

पहली नज़र में जो हुआ, वो इत्तेफाक नहीं था…

कॉलेज का पहला दिन था, हल्की बारिश हो रही थी। प्रिया अपने दुपट्टे से किताबें ढँक रही थी, तभी राहुल ने छतरी आगे बढ़ाई। यही से शुरू हुआ उनका सफर — जो किस्मत ने पहले ही लिखा था।

दोनों पढ़ाई में होशियार थे, लेकिन उनकी केमिस्ट्री क्लासरूम से कहीं आगे बढ़ चुकी थी। लाइब्रेरी में एक-दूसरे की पसंद की किताबें ढूँढना, कैंटीन में आधा-आधा समोसा खाना, और हर परीक्षा के बाद साथ मंदिर जाकर दुआ करना उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बन गया।

दूर रहकर भी प्यार को निभाया

कॉलेज खत्म होने के बाद दोनों अलग-अलग शहरों में नौकरी करने लगे। दूरी उनके प्यार की दीवार नहीं बनी। हर रात वीडियो कॉल, हर महीने मिलने की कोशिशें, और भविष्य के सपनों पर लंबी बातचीत — सब कुछ उनके रिश्ते को मजबूत करता गया।

राहुल एक प्राइवेट बैंक में असिस्टेंट मैनेजर बना, और प्रिया एक मल्टीनेशनल कंपनी में HR। अब दोनों ने परिवारों से शादी की बात करने का फैसला किया।

परिवारों की अनदेखी — प्यार की राह में बाधाएं

जब राहुल ने अपने माता-पिता को प्रिया के बारे में बताया, तो घर में सन्नाटा छा गया।

“लड़की अच्छी हो सकती है, लेकिन जाति, समाज और परिवार की इज्ज़त भी जरूरी है,” पिताजी ने साफ कह दिया।

प्रिया के घर में भी अरेंज मैरिज को ही सही माना गया। “लव मैरिज हमारे संस्कारों के खिलाफ है,” माँ ने कहा।

दोनों परिवारों ने अरेंज मैरिज को ही सही समझा, और लव मैरिज को एक ‘फैशन’ मानकर नकार दिया।

संघर्ष, धैर्य और उम्मीद

इस इनकार ने राहुल और प्रिया को भीतर से झकझोर दिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने वक्त देने का फैसला किया। ना तो घरवालों से झगड़ा किया, ना ही भागकर शादी की बात की।

राहुल ने खुद को बेहतर साबित करने की ठानी। प्रमोशन के लिए मेहनत की, अपनी माँ के इलाज में पूरी मदद की, और हर त्योहार पर अपने परिवार के साथ रहा। वहीँ प्रिया ने घर के सारे कामों में हाथ बँटाना शुरू किया, अपने पिता के लिए समय निकालना शुरू किया और अपने भाई की पढ़ाई में मदद की।

एक छोटा सा पल जिसने सब बदल दिया

लगभग एक साल गुजर गया।

राहुल की माँ को जब दिल का दौरा पड़ा तो अस्पताल में प्रिया ही सबसे पहले पहुँची। उसने पूरी रात उनके साथ बिताई, दवाइयाँ लाईं, और उनके सिर पर हाथ फेरती रही।

वो पल, जब राहुल के पिता ने पहली बार प्रिया को देखा — बिना बनावट, बिना दिखावे के, बस एक बेटी की तरह सेवा करती हुई — तब उनका मन भी थोड़ा पिघला।

प्रिया के घर में भी बदलाव आया, जब उनके पिताजी की नौकरी में कुछ समस्या आई, और राहुल ने बिना कुछ कहे उनके लिए वकील और सलाहकार का इंतज़ाम कर दिया। उन्होंने सिर्फ एक प्रेमी नहीं, एक ज़िम्मेदार इंसान देखा।

प्यार ने रिश्तों की परिभाषा बदल दी

धीरे-धीरे, दोनों परिवारों को समझ आया कि यह सिर्फ लव मैरिज नहीं, एक भरोसे, सम्मान और त्याग का रिश्ता है।

वो दिन आया जब दोनों घरों ने एक साथ बैठकर शादी की तारीख तय की। कोई बड़ा समारोह नहीं, सिर्फ अपने करीबी रिश्तेदार और सच्चा आशीर्वाद।

राहुल की माँ ने शादी की चूड़ियाँ खुद अपने हाथों से प्रिया को पहनाईं। और प्रिया के पिताजी ने राहुल को गले लगाकर कहा, “अब तुम सिर्फ हमारे दामाद नहीं, बेटे हो।”

आज राहुल और प्रिया की शादी को पाँच साल हो चुके हैं। उनका रिश्ता एक मिसाल बन चुका है।

कहानी से सीख/Moral:

  • प्यार में अगर सच्चाई हो तो वो किसी भी सामाजिक दीवार को पार कर सकता है।
  • भागकर फैसले लेने से बेहतर है रिश्तों को समय देना।
  • लव मैरिज और अरेंज मैरिज में फर्क नहीं होता अगर रिश्तों में सम्मान, समझदारी और ज़िम्मेदारी हो।

क्या आपके जीवन में भी ऐसा प्यार आया है जो सिर्फ आपका नहीं, आपके पूरे परिवार का हो गया? ❤️

कुछ रिश्ते इतने खास होते हैं कि वो सिर्फ दो लोगों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि पूरे परिवार का हिस्सा बन जाते हैं।
क्या आपके जीवन में भी कोई ऐसा प्यार आया है, जिसने न सिर्फ आपका दिल जीता बल्कि आपके परिवार का भी?👇 नीचे कमेंट सेक्शन में अपनी लव स्टोरी जरूर साझा करें।
आपकी कहानी किसी और के दिल को छू सकती है और उन्हें सच्चे रिश्ते पर भरोसा करने की प्रेरणा दे सकती है।

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