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एक अधूरी मोहब्बत – an incomplete love

Posted on September 27, 2025 by My Hindi Stories

Realistic digital painting of a romantic scene showing a young Indian couple under an umbrella during a rainy evening on a college campus in Kolkata. Emotional eye contact, soft lighting, wet pathways, and nostalgic mood

कभी-कभी पहली नज़र की धड़कन ही सारी उम्र का इंतज़ार बन जाती है।

पहली नज़र का जादू

2012 की एक सुहानी शाम थी, बारिश के बाद कोलकाता की सड़कों से उठती मिट्टी की महक और हवा में ठंडक का एक अलग सा जादू था। कॉलेज के प्रांगण में खड़ा आरव, अपनी दिनचर्या में खोया हुआ था, तभी उसकी नजरें सिया पर ठहर गईं।

वो बिल्कुल साधारण सी लड़की थी — सिंपल कपड़े, शांत चेहरा, गहरी आंखें और मासूम सी मुस्कान। मगर जैसे ही आरव की नजरें उस पर पड़ीं, दिल ने बिना सोचे-समझे कहा — यही है। जिसे वो ढूंढ रहा था।

दोस्ती की शुरुआत

कॉलेज की कैंटीन में चाय, लाइब्रेरी की खामोशी, और कॉलेज फेस्ट की मस्ती— इन छोटे-छोटे पलों में आरव और सिया की दोस्ती गहरी होती गई। सिया पढ़ाई में तेज़, ज़िम्मेदार और थोड़ी रिज़र्व थी।, वहीं आरव थोड़ा शरारती, लेकिन दिल का साफ था। दोनों का संसार अलग था, फिर भी वे एक-दूसरे की दुनिया में ऐसे समा गए जैसे दो धारा मिल जाएं।

एक दिन जब बारिश हो रही थी, आरव ने सिया से एक सवाल किया,

“अगर मैं कहूं कि मैं हर जन्म में तुम्हें चाहूंगा, तो क्या तुम मेरे साथ रहोगी?”
सिया ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, “अगर मोहब्बत सच्ची हो, तो जन्म मायने नहीं रखते।”

ज़िंदगी का मोड़

कॉलेज खत्म हुआ तो उनके रास्ते अलग हो गए। आरव को बंगलुरु में एक बड़ी Multinational कंपनी में नौकरी मिल गई, और सिया अपनी पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई। शुरुआत में उनका संपर्क लगातार रहता था — फोन कॉल्स, चैट्स, वीडियो कॉल्स — मगर वक्त के साथ सब कम होता गया।

एक दिन सिया ने इनसब से थककर आरव से  कहा,

“अब हम पहले जैसे नहीं रहे। तुम्हारे पास वक्त नहीं है, और मैं हर रोज़ इंतज़ार करते-करते थक गई हूं।”

आरव चुप था। उसकी आंखों में सवाल था, दिल में उलझन, “क्या प्यार बड़ा था, या ज़िंदगी की दौड़?”

जुदाई का अहसास

कुछ हफ्तों बाद, सिया का एक लंबा मैसेज आया, जिसमें उसने रिश्ता खत्म करने का ऐलान किया।

आरव की दुनिया जैसे थम सी गई। एक खालीपन, एक अधूरी कहानी, और एक नाम जो हर धड़कन में था, अब सिर्फ एक याद बनकर रह गया था।

वो चाहता था कि सिया वापस आए, समझे कि उसने कितनी कोशिश की, लेकिन कभी-कभी माफ़ी और बातों से ज्यादा ज़रूरी वक्त होता है। 

10 साल बाद

2022 में, आरव अब एक सफल लेखक बन चुका था। उसकी किताबें मोहब्बत की उस अदृश्य रेखा के बारे में बात करती थीं, जो कभी पूरी नहीं हो पाती। उसी किताब के लॉन्च पर, एक चेहरा उसे नजर आया — सिया। अब वो एक प्रोफेसर बन चुकी थी। उसकी आँखों में वही पुरानी चमक थी, लेकिन चेहरा थोड़ा थका हुआ था, जैसे किसी जंग से गुज़र कर आई हो।

उनकी नज़रें मिलीं, और एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे वक्त रुक गया हो।

“कैसी हो?” आरव ने कहा।

“ठीक हूं,” सिया ने धीमे से जवाब दिया, फिर हल्के से मुस्कुराते हुए पूछा, “तुम्हारी किताब पढ़ी, वो हमारी कहानी थी?”

“थी नहीं… है। अधूरी ज़रूर है, पर अब भी ज़िंदा है,” उसने कहा।

उस शाम का अहसास

वो शाम दोनों ने साथ बिताई — खूब बातें कीं, मुस्कराए, कुछ पल फिर से जी लिए। लेकिन अब रास्ते अलग थे। प्यार अब भी था, लेकिन ज़िंदगी आगे बढ़ चुकी थी। दोनों ने यह समझ लिया था कि कभी-कभी प्यार को मंज़िल की जरूरत नहीं होती, बस उसकी याद ही काफ़ी होती है।

निष्कर्ष/Conclusion:

अधूरी मोहब्बत, अधूरी कहानियां, कभी भी आम नहीं होतीं।

आरव और सिया की कहानी पूरी नहीं हो सकी, लेकिन उस रिश्ते में जो सच्चाई थी, वो शायद किसी पूरी कहानी में भी नहीं हो सकती। कुछ रिश्ते नाम के मोहताज नहीं होते — वो दिल के किसी कोने में हमेशा ज़िंदा रहते हैं।

जीवन का संदेश

“सच्चा प्यार कभी मरता नहीं। वो बस वक्त के साथ चुप हो जाता है — पर कभी भूला नहीं जाता।”

अगर ये कहानी आपके दिल को छू गई, तो कमेंट(Comment) में ज़रूर कीजिए — क्या आपकी भी कोई अधूरी मोहब्बत है?

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