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महत्वपूर्ण दान | Significant donations

Posted on October 11, 2025 by My Hindi Stories

Bhagwan Buddha vriksh ke neeche ek vriddh aurat se aadha aam le rahe hain, raja ek taraf hairani se dekh raha hai

एक दिन की बात है। भगवान बुद्ध एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर शांति से बैठे हुए थे। चारों ओर श्रद्धालु भक्तों की भीड़ थी। कोई सोना-चांदी लेकर आया, कोई मिठाइयाँ और फल। सभी अपनी-अपनी भेंट भगवान बुद्ध को अर्पित कर रहे थे।

उसी समय, एक बुज़ुर्ग महिला थके हुए कदमों से आगे बढ़ी। उसकी हालत बहुत साधारण थी — कपड़े पुराने, शरीर कमज़ोर, पर आँखों में सच्ची श्रद्धा।

उसने धीमी आवाज़ में कहा:
“भगवन, मैं बहुत गरीब हूँ। मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नहीं था। आज मुझे एक आम मिला था। भूख से आधा खा चुकी थी, लेकिन जब सुना कि आज आप दान स्वीकार कर रहे हैं, तो ये आधा आम लेकर आ गई। कृपा करके इसे स्वीकार करें।”

यह सुनकर भगवान बुद्ध मुस्कराए। उन्होंने तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ाया और बड़े प्रेम से उस आधे आम को अपनी अंजुलि में रख लिया — जैसे कोई अनमोल चीज़ मिली हो। वृद्धा के चेहरे पर संतोष था। वो चुपचाप सिर झुकाकर लौट गई।

पास ही खड़े राजा ने यह दृश्य देखा और हैरान रह गया।

उसने पूछा:
“भगवन, ये वृद्धा तो आपको जूठा आम दे रही थी, फिर आपने इतनी श्रद्धा से क्यों स्वीकार किया?”

बुद्ध शांत स्वर में बोले:
“राजन, तुमने मुझे अपनी बड़ी संपत्ति में से थोड़ा-सा हिस्सा दिया है। लेकिन इस वृद्धा ने अपने पास का सबकुछ दे दिया। उसके दान में न कोई अहंकार था, न दिखावा — सिर्फ प्रेम और समर्पण था।

ऐसा दान बहुत दुर्लभ होता है। यही सच्चा दान है।”

सीख/Moral

दान का मूल्य चीज़ों में नहीं, भावना में होता है। जब हम दिल से कुछ देते हैं — भले ही वो छोटा हो — तो वो सबसे बड़ा दान बन जाता है।

क्या आपको भी लगता है कि सच्चा दान भावना से होता है? अपनी राय नीचे कमेंट(Comment) करके बताएं

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