जंगल का डर
एक समय की बात है, एक हरा-भरा जंगल था। वहाँ सारे जानवर खुशी से रहते थे। लेकिन एक दिन जंगल में एक खूंखार शेर आ गया जिसका नाम था बादल सिंह था!
बादल सिंह हर रोज़ एक जानवर को पकड़कर खा जाता। सारे जानवर डर में जीने लगे।
शेर ने एलान कर दिया—“हर दिन एक जानवर खुद चलकर मेरे पास आए, वरना मैं सबको खा जाऊँगा!”
डर के मारे सभी जानवरों ने उसकी बात मान ली!
एक छोटा मगर चतुर खरगोश
एक दिन एक छोटे से सफेद खरगोश की बारी आ गई जिसका नाम कुशु था। वह ना तो तेज़ भाग सकता था, ना ही ताकतवर था। लेकिन उसका दिमाग बहुत तेज था।
जब जानवरों ने उसे शेर के पास भेजा, तो वह रास्ते में बैठ गया और सोचने लगा—की मै तो “शेर से लड़ नहीं सकता, लेकिन अगर मैं उसे चकमा दे सकूं तो जान बच सकती है…”
चालाक योजना
कुशु जान-बूझकर शेर के पास देर से पहुँचा। शेर गुस्से से दहाड़ा, और बोला “इतनी देर क्यों की?”
कुशु डरते हुए बोला, “महाराज, मैं अकेला नहीं आया था। पाँच खरगोश और भी थे, लेकिन रास्ते में एक और शेर मिल गया। और उसने कहा कि वो ही जंगल का असली राजा है और उसने बाकी खरगोशों को खा लिया।”
शेर चौंक गया और गुस्से से बोला, “क्या! दूसरा शेर? इस जंगल में? मुझे दिखाओ कहाँ है वो!”
बुद्धि का कमाल
कुशु शेर को एक पुराने कुएँ के पास ले गया। और बोला
“महाराज, वो यहीं रहता है। लेकिन बहुत घमंडी है—कहता है कि वो आपसे ज़्यादा ताकतवर है!”
शेर ने कुएँ में झाँका। तो पानी में उसे अपनी ही परछाईं दिखी। उसे लगा कि यही वो दूसरा शेर है!
गुस्से में भरा शेर ज़ोर से दहाड़ा—और परछाईं ने भी वैसी ही दहाड़ की।
शेर परछाई की दहाड़ सुन और भी ज्यादा भड़क गया!
और उसने कुएँ में छलांग लगा दी,
छपाक!
वो सीधा पानी में गिरा और बाहर ना निकल सका।
जंगल की ख़ुशी
सारा जंगल झूम उठा! शेर से आज़ादी मिल गई थी।
सभी जानवर दौड़ते हुए कुशु के पास आए और बोले,
“तू तो छोटा है, पर तेरा दिमाग बहुत बड़ा है!”
कुशु मुस्कुराया और बोला,
“डर के समय, दिमाग ही सबसे बड़ी ताकत बन जाता है।”
सीख/Moral
ताकतवर होना ज़रूरी नहीं, लेकिन समझदार होना बहुत ज़रूरी है।
बुद्धिमानी और धैर्य से हम किसी भी बड़ी मुश्किल को मात दे सकते हैं।
सोचिए:
अगर आप कुशु की जगह होते, तो क्या आप भी इतना सोच-समझ कर काम कर पाते? comment में बताओ!